IMF के ग्लोबल अनुमान घटाने से कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव, 1950 डॉलर के नीचे आया सोना
IMF के ग्लोबल अनुमान घटाने से कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव दिखाई दे रहा है। वहीं डॉलर और बॉन्ड यील्ड में मजबूती से सोने और चांदी की चमक भी फीकी पड़ गई है। लेकिन डिमांग और सप्लाई का अंतर बढ़ने से स्टील की कीमतों में तेजी है। एग्री की बात करें तो उधर CPO के दाम लगातार ऊपर बने हुए हैं।
सबसे पहले बात करते हैं कच्चे तेल की। IMF का ग्लोबल अनुमान घटाने से कच्चे तेल की कीमतों नरमी आई है और इसका भाव नीचे की तरफ 107 डॉलर तक आ गया है। ब्रेंट एक दिन में 6 डॉलर से ज्यादा टूटा है। वहीं, WTI एक दिन में 5 डॉलर से ज्यादा टूटा है। IMF ने ग्लोबल ग्रोथ अनुमान घटाया है। चीन में फिर कोरोना के मामलों में तेजी आती नजर आ रही है। इस सबका असर क्रूड पर नजर आ रहा है। चीन में 1 दिन में कोरोना के 2700 से ज्यादा मामले आए हैं। अकेले शंघाई में 2400 से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं। चीन में एक बार फिर सख्त लॉकडाउन की संभावना बढ़ी है। मांग में कमी की संभावना से भी दबाव बना है। OPEC+ ने मार्च में 14.5 लाख BPD का उत्पादन किया है।
उधर सोना भी 1950 डॉलर के नीचे आ गया है। सोना 2 दिनों में 40 डॉलर टूटा है। MCX पर सोना 52400 रुपए के नीचे है। सोना 2 दिनों में 1000 रुपए से ज्यादा गिरा है। मजबूत डॉलर और बॉन्ड यील्ड ने दबाव बनाया है। COMEX पर चांदी भी 26 डॉलर के नीचे आ गई है। चांदी का भाव
2 दिनों में करीब 4% गिरा है।
स्टील भी 6 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया है। स्टील 5200 चीनी युआन के करीब दिख रहा है। देश में स्टील का भाव 58000 रुपए के ऊपर है। स्टील की मांग, सप्लाई में अंतर बढ़ा है। चीन ने स्टील का उत्पादन घटाया है। चीन में मार्च में स्टील का उत्पादन 6% गिरा है। वहीं, जापान ने स्टील प्रोजक्ट्स के दाम 2-3% बढ़ाए हैं।
एग्री की बात करें तो CPO की कीमतों में फिर उछाल देखने को मिला है। इसके भाव 6400 रिंग्गित के करीब पहुंच गए हैं। सोया ऑयल की तेजी से दाम चढ़े हैं। सप्लाई घटने से भी दाम चढ़े हैं। मलेशिया का एक्सपोर्ट 23% गिरा है। मलेशिया CPO के दाम 6400 रिंग्गित के करीब पहुंच गए हैं। इसका जुलाई वायदा 6542 रिंग्गित तक पहुंच गया है। कीमतों पर रूस-यूक्रेन युद्धा का भी असर देखने को मिल रहा है। 55वें दिन भी रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है। सनफ्लावर ऑयल की कमी से भी दाम चढ़े हैं। मलेशिया का एक्सपोर्ट मध्य अप्रैल तक 14%-23% गिरा है। भारत में मार्च में CPO का इंपोर्ट 18.7% बढ़ा है।