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October 15, 2024
अरविंद केजरीवाल ने शुरू किया ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ कैंपेन, लॉन्च होगा Green Delhi App
Delhi

अरविंद केजरीवाल ने शुरू किया ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ कैंपेन, लॉन्च होगा Green Delhi App

Oct 5, 2020

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल  ने सोमवार को हर साल ठंड का मौसम शुरू होने से पहले ही दिल्ली में बढ़ जाने वाले वायु प्रदूषण और धुंध की समस्या को लेकर एक डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने इस दौरान दिल्ली सरकार के नए कैंपेन ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ कैंपेन की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘इस साल प्रदूषण हमारे लिए जानलेवा हो सकता है क्योंकि कोरोना फैला हुआ है. हमने बहुत काम किया लेकिन हमें संतुष्ट नहीं होना है. इस कोरोना के साल में हमको अपने बच्चों के लिए प्रदूषण कम करना होगा. आज से हम प्रदूषण के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं. ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ नाम से कैंपेन शुरू कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘पिछले 5 सालों में दिल्ली में सबने मिलकर प्रदूषण बढ़ने नहीं दिया. हमारे यहां ट्रैफिक भी बढ़ा और इंडस्ट्रियल एक्टिविटी, इकोनामिक एक्टिविटी भी बढ़ी लेकिन दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बजाय कम हुआ है. दिल्ली में 2014 से 2019 तक प्रदूषण में 25% की कमी आई है.’ केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी पहले ही लॉन्च कर दी है जो ‘देश ही नहीं दुनिया की सबसे बढ़िया पॉलिसी’ है.

अपने कैंपेन को लेकर उन्होंने कहा कि उन्होंने आज ही सभी विभागों के साथ मीटिंग की है और सभी विभाग इस युद्ध में शामिल होंगे. इसमें तीनों नगर निगम, PWD, ट्रांसपोर्ट विभाग वगैरह सब शामिल हैं.

दिल्ली सरकार इसके लिए एक ग्रीन दिल्ली नाम से एक ऐप भी बना रही है. अरविंद केजरीवाल ने कहा ‘जहां पर भी आपको कोई प्रदूषण फैलाता हुआ नजर आए तो आप उसकी फोटो खींचकर उस ऐप पर डाल दीजिए और एक तय सीमा में उस पर कार्रवाई की जाएगी. रोजाना की शिकायतों की मेरे पास रिपोर्ट आएगी कि कितनों पर कार्रवाई हुई और कितनों पर नहीं हुई. इस पूरे काम के लिए एक वॉर रूम भी हम बना रहे हैं.’

उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार पौधारोपण के लिए नई नीति बना रही है. अभी तक नीति थी कि एक पेड़ काटने के बदले में 10 पौधे लगाए जाएंगे लेकिन अगले एक हफ्ते से 10 दिन के अंदर नई पॉलिसी लाई जाएगी, जिसके तहत अगर कोई एजेंसी पेड़ काटती है तो उसको 80 फ़ीसदी पेड़ दूसरी जगह लगाने पड़ेंगे जिससे कि पेड़ कम नहीं होंगे.

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